31 दिसंबर 2019

नये साल की खामोशी

खामोशी लपेटे दो दिल
मुंह घुसाए आसमाँ में
ढ़ूंढते खोई खुशियों को
घने काले बादलों की चादर में
जिसने ताना हुआ है
खोल निराशा का
मात देने का करती दावा जिसे
पटाखों की छिटपुट
छल और दंभ भरी रोशनी
क्षणभंगुरता चरित्र जिसका
पर,कालिमा तम की हरने
सूरज का आना तय है।

#TumhaariYaadMein #InYourLovingMemory #01.01.2020



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