भारतीय राजनीति में पिछले
कई दशकों से मवाद बढ़ता जा रहा था. अन्ना आंदोलन के बाद से किसी न किसी रूप में बह कर यह बाहर आ रही है. हाल ही में बिहार
के राजनीतिक क्षेत्र में जो गतिविधियाँ हुई है वह वर्षों से जमे और आकार बढ़ा रहे
इस मवाद को लोगों के सामने ला रहे है. जहाँ एक ओर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार विधायकों को इटावा के होटल में नजरबंद करके अपनी सत्ता बरकरार रखने की
जुगत कर रहे हैं, वहीं जदयू विधायक
को फोन पर मंत्री पद देने का लोभ दिया जा रहा है. निश्चित ही ऐसी चीजों का खुल कर
बाहर आना लोकतंत्र में भ्रष्ट नेताओं के जमावड़े को कम कर सकता है. देखिये एक नेता
द्वारा दूसरे को खुलेआम मंत्री पद की पेशकश देने की कोशिश....